उद्योग अधिकारियों के अनुसार, एटीएम से नकदी निकासी और परिवार के सदस्यों व मित्रों के लिए भुगतान की सुविधा जैसी नई सुविधाओं के कारण यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) डेबिट कार्ड बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर सकता है, जिससे इस पारंपरिक बचत खाता-आधारित भुगतान साधन के पतन की गति तेज हो जाएगी।
लोकप्रिय खुदरा भुगतान विधियों में से, डेबिट कार्ड का उपयोग पिछले कुछ वर्षों में काफी कम हुआ है, लेकिन अब जब UPI को सभी प्रकार के खुदरा डिजिटल भुगतानों के लिए बनाया जा रहा है, तो इन कार्डों के कुछ मुख्य उपयोगों को भी चुनौती मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई 2024 में मर्चेंट पेमेंट के लिए डेबिट कार्ड स्वाइप की संख्या घटकर 144 मिलियन रह गई है, जो दो साल पहले 312 मिलियन थी। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह गिरावट और भी तेज हो सकती है।
मुंबई स्थित एक निजी क्षेत्र के ऋणदाता के वरिष्ठ बैंकर ने कहा, "यूपीआई को एक भुगतान नेटवर्क के रूप में बनाया जा रहा है, जो लगभग वह सब कुछ कर सकेगा जो उपभोक्ता अपने डेबिट कार्ड से कर सकते हैं। इसका उद्देश्य इस घरेलू भुगतान नेटवर्क को बढ़ावा देना है, जो उपभोक्ताओं की सभी प्रकार की डिजिटल भुगतान आवश्यकताओं को पूरा कर सके।"